समंदर हो जाती हूँ समंदर हो जाती हूँ
जब देखता चलकर बहुत, थक जाता है कोई पथिक पैदल चलने के सिवा नहीं, पास उसके कोई विकल्प जब देखता चलकर बहुत, थक जाता है कोई पथिक पैदल चलने के सिवा नहीं, पास उसके कोई ...
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
बन जाती हूँ । बन जाती हूँ ।
आपसी तल्खियां बहुत बाद जाती है (कटुता ) शहरी पुरानी बस्तियाँ आबाद जाती है। आपसी तल्खियां बहुत बाद जाती है (कटुता ) शहरी पुरानी बस्तियाँ आबाद जाती है।